सनातनी वर्णव्यवस्था है सर्वोत्तम व्यवस्था - परमाराध्य जगद्गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती १००८

 सनातन धर्म की वर्ण व्यवस्था एक बडे परिवार की व्यवस्था जैसी सर्वोत्तम है। जिस प्रकार परिवार के बडा होने पर सब लोग घर के कार्य आपस में बाॅटकर मिल-जुलकर करते हैं वैसे ही चार वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र ने भी सामाजिक व्यवस्था बनाने हेतु अपने-अपने कार्यों का विभाजन कर लिया है। 




उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती '1008' ने चातुर्मास्य प्रवचन के अवसर पर कही।


उन्होंने कहा कि वेदों ने चारों वर्णों की महिमा गाई है। सभी वर्ण उस विराट् पुरुष के शरीर से उत्पन्न हुए हैं इसलिए न कोई छोटा है और न ही कोई बडा। जिस समय जिसका कार्य होता है उस समय उसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।


आगे कहा कि बहुत दिनों से लोगों के मन में ऊँच और नीच की बात भर दी गयी है पर सनातन धर्म में सबको महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। चारों वर्ण मिलकर सनातन धर्म की मूर्ति का एक आकार बनते हैं। जिस प्रकार यदि भगवान् की मूर्ति खण्डित हो जाए तो वह पूजा के योग्य नहीं रह जाती ठीक उसी प्रकार यदि चारों वर्ण एक न रहें तो सनातन धर्म की मूर्ति खण्डित मानी जाएगी। इसलिए यदि सनातन धर्म को पूजित बनाना हो तो सभी वर्णों को एक होकर रहना होगा।


उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में कोई भी दलित नहीं है। दलित का अर्थ होता है जिसका शोषण हो जबकि हमारा धर्म सबका सम्मान करना वाला धर्म है। भगवान् की दृष्टि में भी सब एक हैं। तभी तो भगवान् कहते हैं सब मम प्रिय सब मम उपजाए। तो जब भगवान् का सब प्रिय हैं तो भेद कैसा।

, आज की कथा एवं पादुका पूजन का सौभाग्य  अरविंद मिश्रा  एवं उनके परिवार को मिला

  प्रमुख रूप से चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष व निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, ऋषिकेश संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप जी*गौरक्षा को समर्पित श्री गोपालमणि जी, साध्वी राजराजेश्वरी जी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन श्री अरविन्द मिश्र एवं संचालन ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द जी ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से , पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोटेगांव विधायक नर्मदा प्रसाद प्रजापति ,  पूर्व विधायकसुनील जायसवाल पंडित अन्नू भैया सुनील शर्मा सोहन तिवारी माधव शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी पंडित आनंद उपाध्याय  बद्री चौकसे  नारायण गुप्ता टिंकू अग्रवाल , कपिल नायक सहित बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही हैै कार्यक्रमके उपरांत प्रसाद का वितरण किया गया


चातुर्मास्य के अवसर पर पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज का गीता पर प्रवचन प्रातः 7.30 से 8.30 बजे तक भगवती राजराजेश्वरी मन्दिर में होता होता है जिसका प्रसारण 1008.guru इस यू ट्यूब चैनल पर प्रतिदिन होता है।


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